भारत में मोटर वाहन बीमा और नई प्रौधोगिकीय चुनौतियाँ

 

रेखा ठाकुर

PhD Scholar (Law), Kalinga University, Raipur (C.G)

*Corresponding Author E-mail:

 

ABSTRACT:

उन्नीसवीं शताब्दी की धीमी शुरूआत से लेकर बीसवीं सदी के वैष्विक विस्तार तक मोटर वाहन क्षेत्र में अत्यन्त तेज गति से विकार एवं परिवर्तन दोनो देखे गए है। आधुनिक समय में निर्माण और टेलिकम्युनिकेषन को छोडकर कोई भी तकनीक मानव विकास पर उतना प्रभाव नहीं छोड पायी है जितना परिवहन तकनीक ने छोडा है और आज 21 वीं सदी में हम बिना परिवहन के जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते है। दोपहिया स्कूटर, थ्री0हीर्स, निजी, कारे, व्यवसायिक वाहन आदि की संख्या आज विष्व में इतनी अधिक हो गई है कि कोई भी अपनी जिदंगी के बारे में बिना किसी वाहन के सोच भी नहीें सकता है। कही भी आने-जाने के लिए हम किसी किसी वाहन का प्रयोग अवष्यक करते है जो कि हमारी दिनचर्या ही नहीं हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गया है। हमारे दैनिक जीवन में हम एक जगह से दूसरी जगह यात्रा करने के लिए कई प्रकार के वाहनों का उपयोग करते है। ऑटोमोबाइल हमारे जीवन का एक बहुमूल्य हिस्सा है। इसकी मदद से कही भी यात्रा कर सकते है। चाहें आप सभी यातायात नियमों और विनियमों का पालन कर रहे है लेकिन आपकी गलती या किसी और की गलती के कारण किसी भी समय दुर्घटना हो सकती है। हालंाकि कोई भी अस्पताल में भर्ती नहीं होना चाहता लेकिन हकीकत में सडक पर यात्रा करते समय हर कोई खतरे में होता है। जहां एक ओर वाहन आने-जाने के लिए जरूरी है वहीं यह हमारे सामने कुछ खतरे जो शरीरिक और धन संबंधी भी हो सकते है का कारण बन जाते है। इसलिए किसी भी वाहन के दुर्घटना जिसमें वाहन को होने वाला नुकसान या तीसरे पक्ष की देष्ता आदि जरूरतें हो जाती है, जिसके लिए सुरक्षा एक बहुत बडी जरूरत बन गई है। एक अच्छा वाहन बीमा हमारे केवल धन की सुरक्षा करने में सहायता करेगा बल्कि इस प्रकार का दुर्घटनाओं में हमको जरूरी सुरक्षा भी प्रदान करता है। एक अच्छा मोटर वाहन बीमा योजना हमारे वाहन को नुकसान होने की स्थिति में वित्तीय देयता से सुरक्षा प्रदान करती है।

 

KEYWORDS: वाहन बीमा, प्रौधोगिकीय.

 


प्रस्तावना -

विषय वस्तु-

1 मोटर वाहन बीमा क्या है ?

मोटर वाहन बीमा वाहन के मालिक को अपने वाहन की क्षति के प्रति सुरक्षा देता है वाहन के मालिक के प्रति कानून के अनुसार निर्धारित किसी तृतीय पक्ष की देयता के लिए भुगतान करता है। तृतीय पक्ष बीमा एक कानूनी आवष्यकता है। किसी सार्वजनिक स्थान पर वाहन के उपयोग के कारण या उससे हुए तृतीय पक्ष के जीवन या संपत्ति को क्षति या नुकसान के लिए वाहन का मालिक कानून के अनुसार दायित्वधीन होता है। किसी सार्वजनिक स्थल पर बीमा के बिना मोटर वाहन चलाना मोटर वाहन अधिनियम 1988 के अनुसार दण्डनीय अपराध है।

 

बीमा दुनिया भर में सबसे तेजी से बढता बाजार है यह बीमाकृत घटना के खिलाफ कवरेज प्रदान करता है उदाहरण के लिए जीवन बीमा मृत्यु के  खिलाफ बीमित व्यक्ति को कवर करता है, स्वास्थ्य बीमा अस्पताल में किए गए चिकित्सा खर्चो के लिए प्रतिपूर्ति प्रदान करता है। इसी तरह, मोटर बीमा वाहन और तृतीय पक्ष को आकस्मिक क्षति के खिलाफ कवर करता है। मोटर वाहन बीमा को समझने से पहले यह जानना जरूरी है कि बीमा क्या होता है।

 

बीमा क्या है ?

बीमा भविष्य में किसी नुकसान की आषंका से निपटने का प्रभावी हथियार है हमें नहीं पता कि कल क्या होगा, इसलिए हम बीमा पॉलिसी के जरिये भविष्य में संभावित नुकसान की भरपाई की कोषिष करते है।

      

इंष्योरेस का मतलब जोखिम से सुरक्षा है, अगर कोई बीमा कपंनी किाी व्यक्ति का बीमा करती है तो उस व्यक्ति को होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी करेगी। इसी जरह अगर बीमा कंपनी ने किसी घर, कार या स्मार्टफोन का बीमा किया है तो उस चीज के टूटने, फूटने, खोने या क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में बीमा कंपनी उसके मालिक को पहले से तयर्षत के हिसाब से मुआवजा देती है।

 

बीमा वास्तव में बीमा कंपनी और बीमित व्यक्ति के बीच एक अनुबध्ंा है उस कॉन्इेक्ट के तहत बीमा कंपनी बीमित व्यक्ति से एक निष्चित धनराषि (प्रीमियम) लेती है और बीमित व्यक्ति या कंपनी को पॉलिाी की शर्त के हिसाब से किसी नुकसान की स्थिति में हर्जाना देती हैं।

 

भारत में मोटर बीमा के प्रकार-

भारत में मिलने वाले मोटर बीमा सुरक्षा को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जा सकता है-

1 लाभों के आधार पर मोटर बीमा के प्रकार

2 वाहन के हिसाब से मोटर बीमा के प्रकार

1 लाभों के आधार पर भारत में मूल रूप से दो वाहन बीमा के प्रकार मौजुद है।

थर्ड पार्टी या केवल देयता पॉलिसी या तृतीया पक्ष बीमा पैकेज पॉलिसी या कंप्रिहेंसिव पॉलिसी या व्यापक पॉलिसी

 

थर्ड पार्टी इन्षुरेन्स

भारतीय मोटर वाहन अधिनियम 1988 के अनुसार सडक पर बाहन चलाने के लिए थर्ड पार्टी इन्षुरेन्स या तृतीय पक्ष बीमा पॉलिसी रखना अनिवार्य है। तृतीय पक्ष बीमा वाहन बीमा के प्रकार में से एक है। जिसमें तृतीय पक्ष की ओर आपकी कानूनी देयता कवर करती है, यदि आपका वाहन किसी व्यक्ति को नुकसान द्वारा तीसरे पक्ष की थर्ड पार्टी इन्षुरेन्स आपके वाहन द्वारा तीसरे पक्ष की संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई भी करता है।

 

उपयुकर््त परिस्थितियों में से किसी एक (तीसरे पक्ष को चोट या उनकी संपत्ति को नुकसान) के लिए यदि पीडित व्यक्ति क्षतिपूर्ति के लिए दावा करता है तो आपको नुकसान या चोट के लिए भुगतान करना होगा  (भुगतान की राषि अदालत द्वारा तय की जाती है) इसलिए तृतीय पक्ष बीमा आपकी ओर से तृतीय पक्ष की भरपाई करता है। ऐसी बीमा पॉलिसी सिर्फ तृतीय पक्ष की देनदारियां ही कवर करती है इसमें बीमित वाहन की क्षतिपूर्ति नहीं की जाती हैै।

कंप्रिहेंसिव पॉलिसी -

कंप्रिहेंसिव मोटर बीमा आपको और आपके वाहन को आपके वाहन या किसी तृतीय पक्ष और उनकी संपत्ति को किसी भी नुकसान को कवर करता है। यह बीमित वाहन द्वारा दुर्घटना के कारण चालक, मालिक और यात्रियों की मृत्यु विकलांगता को भी कवर करता है।

 

लाभों के आधार पर भारत में उपरोक्त मुख्य दो प्रकार की वाहन बीमा पॉलिसी है साथ ही वाहन के प्रकार के हिसाब से भी नीचे दी गई बीमा पॉलिसीयां होती है-

1 दोपहियां वाहन बीमा

2 निजी कार इन्षुरेन्स

3 कमर्षियल या वाणिज्यिक वाहन बीमा

 

दोपहियां वाहन बीमा

इस वाहन बीमा के नाम से ही ज्ञात होता है कि इस वाहन बीमा के प्रकार में दोपहियां वाहनो को कवर किया जाता है। जब भी हम दोपहियां वाहन खरीदते है तो हमको थर्ड पार्टी इन्षुरेन्स कम से कम 5 साल के लिए लेना अनिवार्य है। नया वाहन खरीदते समय यह हम पर निर्भर होता है कि हम पैकेज पॉलिसी लेना चाहते है या थर्ड पार्टी इन्षुरेन्स पॉलिसी।

 

कंप्रिहेंसिव कवर 1 साल के लिए ले सकते है लेकिन थर्ड पार्टी इन्षुरेन्स कवर कम से कम 5 साल के लिए लेना ही पडता है। क्योकि भारतीय मोटर वाहन अधिनियम में संषोधन के कारण अब दोपहियां वाहन के लिए कम से कम 5 साल और चार पहिया वाहन के लिए 3 साल की थर्ड पार्टी इन्षुरेन्स लेना अनिवार्य है।

 

निजी कार इन्षुरेन्स-

कोई भी कार खरीदते समय एक अच्छा कार बीमा लिया जाना सबसे जरूरी होता है। इससे विभिन्न प्रकार की होने वाली दुर्घटनाओं से वित्तीय सुरक्षा मिलती है। चाहे वह कोई प्रकृतिक दुर्घटना जैसे भूकंप या बाढ हो या कोई आपकी कार को किसी प्रकार का नुकसान पहुंचाएं या चुरा ले, कार बीमा इन सब नुकसानों की भरपाई करता है। तृतीय पक्ष की देयता की अनिवार्यकता के कारण वाहन के कारण किाी अन्य व्यक्ति की जिदंगी या संपत्ति को नुकसान होने की स्थिति में वाहन के मालिक को वित्तीय सुरक्षा की निष्चितता होती है मोटर वाहन बीमा में हम अपने साधारण बीमा के साथ ही कुड और अधिक सुरक्षा के लिए एड- ऑन जैसे जीरो डेपरिसिएषन, इंजिन और गियर बॉक्स सुरक्षा  आपातकालीन सहायता कंज्यूमेबल खर्चे भी षामिल कर सकते है।

 

कमर्षियल या वाहन बीमाः-

व्यवसाय की निरंतर गति बनाए रख्रने के लिए व्यवसायी के लिए यह जरूरी है कि वह अपने वाहन का बीमा अवष्य कराये। सामान्यतः बीमा कंपनियां कमर्षियल वाहन बीमा के लिए बीमा प्रदान करती है जिसमें  वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने पर यदि व्यक्ति के जीवन का या संपत्ति का कोई नुकसान होता है तब तृतीय पक्ष के लिए वैधानिक देयता उत्पन्न होने पर सुरक्षा बीमा जैसे टूक, निजी और सार्वजनिक कैरियर टेªलर टैक्सी, थी्र व्हीलर ऑटो या कृषि कार्यो में उपयोग वाले या किसी भी रूप में कान आने वाले वाहन के लिए उपलब्ध होता है।

 

वाहन बीमा क्या कवर करता है-

सामान्यतः वाहन बीमा पॉलिसी विभिन्न घटनाओं, क्षतियों, मौकों को कवर करता है जो निम्नलिखित है-

1.     तीसरे पक्ष के वाहन को नुकसान होने की स्थिति में क्षतिपूर्ति के लिए राषि दी जाती है।

2.     तीसरे पक्ष की सम्पŸिा को नुकसान होने पर क्षतिपूर्ति की जाती है।

3.     आत्म-अज्ञानता, आग, विस्फोट, दंगों, आतंकवादी कृत्यों आदि के कारण बीमाकृत वाहन को नुकसान होने की स्थिति में मरम्मत के लिए भुगतान किया जाता है।

4.     प्राकृतिक आपदाओं जैसे कि भूकम्प, तूफान, बाढ़, चक्रवात, भूस्खलन आदि के कारण बीमाकृत वाहन को क्षति पहुंचने पर भुगतान किया जाता है।

5.     दूसरों की गलती की वजह से होनेवाली दुर्घटना में भी क्षतिपूर्ति की जाती है।

6.     डकैती/चोरी होने पर भी मुआवजा लिया जा सकता है।

कुछ अपवादों की स्थिति में पॉलिसीधारक को किसी दावे का भुगतान नहीं होता है।

 

बीमा पॉलिसी के कुछ अपवाद इस प्रकार हैं-

1.     यदि चालक ने दुर्घटना के दौरान अल्कोहल का सेवन किया हो।

2.     वैद्य ड्राइविंग लाइसेन्स के बगैर यदि कोई व्यक्ति वाहन चला रहा हो।

3.     टायरों के क्षतिग्रस्त होने का भुगतान नहीं किया जाता, जब तक कि वाहन को भी किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहंुचा हो।

4.     निश्चित भौगोलिक क्षेत्र से बाहर हुई दुर्घटना की स्थिति में जो पहले से तय कर ली गई हो।      यहां परिचालन का मतलब बीमाकर्ता द्वारा किसी खास क्षेत्र में मिलनेवाले कवरेज से है।

5.     बीमा कंपनी दुर्घटना के कारण कुछ समय बाद होनेवाले नुकसान और मामूली टूट-फूट की भरपाई नहीं करती है।

6.     वाहनों का उपयोग अगर दूसरे उद्देष्य से किया गया हो, जैसे- यदि निजी कारों को व्यावसायिक रूप से उपयोग किया गया हो तो इस दौरान होनेवाली दुर्घटना का दावा नहीं मिलेगा।

7.     यांत्रिक या इलेक्ट्रिकल कारणों से खराब हुई या बंद पड़ी गाड़ियों पर दावा नहीं मिलेगा।

 

मोटर बीमा के लाभ -

भारत में हो रहे हादसों की बढ़ती संख्या का बहुत बड़ा कारण यातायात नियमों का पालन करना और कानूनी असफलताएं हैं। इसके लिये मोटर बीमा खरीदने से पहले योजनाओं को अच्छी तरह से जांचना और तुलना करना महत्वपूर्ण होता है ताकि हमें सबसे अच्छा बीमा मिल सके और हम उसका लाभ उठा सकें। मोटर बीमा के माध्यम से हम निम्नलिखित लाभ उठा सकते हैं -

1.     देनदारियों को कम करता है - जब भी बीमा धारक से थर्ड पार्टी को नुकसान होता है तो बीमा कम्पनी नुकसान के लिए लाइबिलिटी का भुगतान करती है। यह हमें किसी भी कानूनी देनदारियों से मुक्त करता है जो दुर्घटना के कारण हो सकती है।

2.     कवर किये गए वाहन को नुकसान होने पर क्षतिपूर्ति कवर करता है- अक्सर मानवीय भूल के कारण होनेवाले दुर्घटनाओं के परिणामस्वरूप वाहन को हुए किसी भी नुकसान को कम्प्रेहन्सिव बीमा पॉलिसी के तहत कवर किया जा सकता है।

3.     अस्पताल के बिल का भुगतान - यदि आप घायल हैं या दुर्घटना में गम्भीर रूप से घायल हैं तो बीमा कम्पनी व्यक्तिगत दुर्घटना कवरेज के तहत अस्पताल के बिल और अन्य चिकित्सा शुल्क का भुगतान करती है।

4.     मृत्यु पर क्लेम- दुर्घटनाओं में होनेवाली मृत्यु के केस में बीमाधारक के परिवार को बीमा कंपनी से मुआवजा मिलता है।

 

भारत में वाहनों का इन्षुरन्स कराना आवष्यक क्यों है?

भारत में रोड पर होने वाले कुल दुर्घटनाओं में 34 प्रतिषत दुपहिया वाहनों से ही होता है। भारत के सड़क और परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार भारत में दुपहिया वाहनों में सबसे ज्यादा दुर्घटना होती है। इसी वजह से भारत के मोटर व्हीकल एक्ट द्वारा दुपहिया वाहनों के साथ-साथ सभी प्रकार के वाहनों के लिए थर्ड पार्टी इन्षुरन्स और कम्प्रहेन्सिव इन्षुरन्स अनिवार्य किया गया है। ऐसा करने से ना सिर्फ लोग इस बारे में सजग रहते हैं बल्कि दुर्घटना के समय होनेवाले नुकसान के लिए उन्हें पर्याप्त कवर भी दिया जाता है। सड़कों पर वाहने चलाते समय हमें अक्सर देखने को मिलता है कि कई बार किसी और की गलती की वजह से किसी दूसरे व्यक्ति को नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में इस स्थिति से बचने के लिए थर्ड पार्टी इन्षुरन्स को अनिवार्य किया गया है ताकि हमारे वाहन की वजह से अगर किसी अन्य व्यक्ति को कोई नुकसान होता है तो उसे मुआवजा दिया जा सके।

 

भारत में मोटरवाहन बीमा खरीदने नवीनीकृत कराने के लिए प्रौद्योगिकी का प्रयोग-

आज के आधुनिक युग में हर चीज डिजीटल हो गया है। इन्टरनेट के माध्यम से हम घर बैठे हर प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। मोटर वाहन बीमा भी इससे अछूता नहीं है। आज हम डिजीटल तरीके से इन्टरनेट के माध्यम से नई अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग मोटर वाहन बीमा से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। जैसे- भारत में कौन-कौन सी कम्पनियां हैं जो ऑनलाईन वाहन बीमा प्रदान करती है, कितना कवर दिया जा रहा है और इस प्रकार विभिन्न कम्पनियों के कवर डाटा को तुलना कर हम सर्वोŸाम बीमा कंपनी को चुनकर अपने वाहन का बीमा घर बैठे बहुत ही कम समय में आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही अगर पहले से बीमा ले रखा है तो उसे रिन्युअल भी ऑनलाईन कर सकते हैं।

भारत में मोटर बीमा प्रदान करनेवाली मुख्य कम्पनियां निम्नलिखित हैं-

     बजाज अलियांज

     भारती अक्सा

     भ्क्थ्ब् एर्गो

     इफको टोक्यो

     प्ब्प्ब्प् लोम्बार्ड

     रॉयल सुन्दरम

 

ऑनलाईन मोटर बीमा के लाभ-

जैसे कि हम सभी जानते हैं कि पिछले दो वर्षों से पूरा विष्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है और इससे हमारा भारत देष भी अछूता नहीं है। कोरोना महामारी के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी वजह से ऑनलाईन सर्विस और प्रोडक्ट खरीदने का चलन भी काफी बढ़ गया है। यही कारण है कि कोरोना महामारी के प्रकोप और वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लोगों का ऑनलाईन मोटर बीमा पॉलिसी में रूझान काफी बढ़ रहा है क्योंकि ऑनलाईन मोटर इंष्योरेंस पॉलिसी खरीदना सुविधाजनक है और जेब पर भी इसका असर कम पड़ता है। ऑनलाईन मोटर इंष्योरेन्स पॉलिसी के फायदे निम्नलिखित हैं-

     ऑनलाईन मोटर इंष्योरेन्स पॉलिसी लेते समय कई विकल्प मिल जाते हैं, जिससे बेहतर पॉलिसी का चयन किया जा सकता है।

     ऑनलाईन बीमा लेते समय अन्य कम्पनियों की ओर से दी जा मोटर इंष्योरेंस पॉलिसी की तुलना भी की जा सकती है। इससे पॉलिसी क्या ऑफर कर रही है और क्या कवरेज मिल रही हैै, इसकी जानकारी मिल सकती है।

     यह पॉलिसी सस्ती पड़ती है, इससे जेब पर ज्यादा भार नहीं पड़ता है।

     ऑनलाईन पॉलिसी के लिए कम प्रीमियम चुकाना होता है। साथ ही बीच में कोई एजेन्ट होने के कारण कोई कमीषन भी नहीं चुकाना होता, केवल पॉलिसी लेते समय सिर्फ प्रोसेसिंग फीस चुकानी होती है।

     ऑनलाईन पॉलिसी में कहीं पर जाना नहीं पड़ता है। घर बैठे ही काम हो जाता है। इससे समय की बचत होती है।

     ऑनलाईन पॉलिसी लेते वक्त कुछ भागदौड़ भी नहीं करनी होती हैै और पेपरवर्क भी कम होता है। ऑनलाईन प्रक्रिया में पेपर ऑनलाईन ही सबमिट करने होते हैं। और हम रिसिप्ट भी ऑनलाईन प्राप्त करते हैं और बाद में उसकी हार्डकॉपी निकलवा सकते हैं।

ऑनलाईन मोटर इंष्योरेन्स पॉलिसी खरीदने के फायदों के साथ-साथ इसके कई नुकसान भी होते हैं। वैसे तो फायदे ज्यादा और नुकसान कम हैं। किन्तु हानियों को जानना भी आवष्यक है, जैसे-

     आज भी हमारे देष में आधी जनसंख्या कम पढ़ी लिखी है। कुछ तो आज भी अनपढ़ हैं। और यही मुख्य कारण है कि लोगों को इन्टरनेट का सही प्रयोग और उसके फायदे नहीं मालूम होते हैं।

     दूसरा मुख्य कारण है गांवों में कम इन्टरनेट नेटवर्क का होना या नेटवर्क का सही रूप से नहीं चलना। जिसके कारण लोग ऑनलाईन सेवाओं का लाभ नहीं ले पाते हैं।

     ऑनलाईन बीमा पॉलिसी लेते समय सभी जानकारियां निर्देष अंग्रेजी में लिखे होने के कारण आज भी बहुत सारे लोग सही पॉलिसी का चुनाव नहीं कर पाते हैं, क्योंकि अंग्रेजी विषय की सही जानकारी उनको नहीं होने से वे लोग निर्देषों को पढ़कर समझ नहीं सकते हैं।

 

निष्कर्ष-

आधुनिक युग में निर्माण और टेलिकम्यूनिकेषन तकनीक को छोड़कर कोई भी तकनीक मानव विकास पर उतना प्रभाव नहीं छोड़ पाई है जितना परिवहन तकनीक ने छोड़ा है। उन्नीसवीं शताब्दी की धीमी शुरूआत से लेकर आज इक्कीसवीं सदी के वैष्विक विस्तार तक मोटर वाहन क्षेत्र में तेजी से विकास एवं परिवर्तन दोनों देखे जा सकते हैं। कहीं भी आने-जाने के लिए किसी किसी वाहन का प्रयोग करना केवल हमारी जिंदगी का हिस्सा है बल्कि हमारी दिनचर्या बन गया है। दोपहिया स्कूटर, थ्री व्हीलर्स, निजी कारें, व्यवसायिक वाहन आदि की संख्या आज विष्व में इतनी अधिक हो गई है कि कोई भी अपनी जिंदगी के बारे में बिना किसी वाहन के सोच भी नहीं सकता है। छोटे से गांव से लेकर मेट्रोसिटी सभी जगह व्यक्ति बिना वाहन के कहीं आने के बारे में कल्पना भी नहीं कर सकता है। किंतु जब हम किसी भी वाहन में सफर करते हैं तो इससे होने वाले दुर्घटनाओं एवं जोखिम से बच पाना हमारे लिए मुष्किल काम होता है क्योंकि दुर्घटनाएं बताकर नहीं होती हैं। कभी कभी हम सुरक्षित एवं सावधानीपूर्वक वाहन चला रहे होते हैं फिर भी किसी अन्य की लापरवाही की वजह से हम दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं, जिससे हमें या हमारे वाहन को क्षति पहुंचती है जिसकी भरपाई के लिए वाहन बीमा होना अत्यन्त महत्वपूर्ण होता है।

 

यदि हमारे पास हमारे वाहन का बीमा पॉलिसी है तो किसी भी तरह के दुर्घटना से होने वाली क्षति के लिए हमें क्लेम मिल जाता है। और आधुनिक तकनीक के जाने से यह और भी आसान हो गया है। व्यक्ति घर बैठे अपने किसी भी वाहन का बीमा पॉलिसी ऑनलाईन प्राप्त कर सकता है। यह सबसे सुरक्षित और तुरंत होने वाला प्रोसेस होता है। जिसमें हमें नई बीमा पॉलिसी लेने से लेकर पुरानी बीमा पॉलिसी का रिन्युअल कराने जैसी सुविधा भी बहुत ही आसानी से मिल जाती है। यह सबसे सुरक्षित और आसान होता है।

 

संदर्भ

1.   मोटर इंष्योरंेस कवर लैप्स हो जाए तो कैसे रिन्यू कराएं - ज्ीम म्बवदवउपब ज्पउमेए ठल च्तपजप ज्ञनसांतदपए प्म्ज् ठनतमंनए व्बजवइमत 03 2019

2.   वाहन का बीमा कराते वक्त इन 3 बातों का रखें ध्यान, नहीं होगा नुकसान- गुड रिटर्न्स, हिन्दी, ठल ज्ञंेीपक भ्नेेंपदए 23 छवअमउइमत 2019

3.   जीवन बीमा सेवाओ में ग्राहक संतुष्टि भारतीय जीवन बीमा निगम एवं निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा प्रदŸ सेवाओं का तुलनात्मक अध्ययन अलमोरा जनपद के विषेष संदर्भ में- रिसर्चर- परिहार नीलम, 12.02.2018

4.   वाहन बीमा के प्रकार: पैकेज और थर्ड पार्टी इन्षुरन्स क्या होता है? - ठल सुनील कुमार 02.06.2021

5.   वाहन बीमा, क्यों होते हैं दावे खारिज? सतकाम दिव्य, बिजनेस हेड, रूपीटॉक डॉट कॉम, अगस्त 2012.

6.   वाहन बीमा खरीदना क्यों है जरूरी? बीमा रिन्यू कराने से पहले इन बातों का रखें ध्यान- बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली, 21 जुलाई 2020.

 

 

Received on 28.02.2022            Modified on 20.03.2022

Accepted on 16.04.2022             © A&V Publications All right reserved

Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2022; 10(1):35-40.